हुस्न का गुरुर
हुस्न का गुरुर


वो जानते हैं की
अब मिलना
दुश्वार हैं,
उन्हें ये भी मालूम हैं
की हमको
उनसे प्यार हैं,
बस एक
हुस्न का, गुरुर हैं उनका
की करते
तकरार हैं,
मैं अकेले ही परेशान नहीं,
उन्हें भी मेरा
इंतजार हैं,
मेरी सूरत देखकर,
उनको भी
मिलता करार हैं,
ये तो दुनिया जानती हैं,
की उनको भी
मुझसे ऐतबार हैं,
वो नादान, नासमझ हैं
नजरें मिलाने से
डरते हैं,
मगर उनके दिल मे
मेरे लिए
प्यार का अम्बार हैं,
वो जानते हैं की
अब मिलना
दुश्वार हैं !