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Priyadarshini Arya

Abstract

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Priyadarshini Arya

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हसीना

हसीना

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ख़ूबसूरत हसीनाओं के पीछे ना भागना कभी

क़ातिलाना वार करती हैं अपने इशारों से


बेहद ख़ूबसूरत मुस्कान होती हैं उनकी

पर दिलों से धोखे का खेल खेलती हैं


हैं जुल्फ़े उनकी काली-बादलों सी

देख दीवाने का दिल हो जाए बेक़ाबू


ना कभी आना उनके उकसाने में

दर्द ही दे जाएंगी वे फ़साने में


है अदाएं उनकी बेमिशाल

अदाओं पर मर-मिटते हैं दीवाने


ज़रा बचके रहना सभी दीवाने

उनकी अदाएं हैं फ़रेब की जाल


फ़िर भी उनकी आगोश पाने के लिए

कितने ही दीवाने ख़ुद को उलझा ही लेते हैं।


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