हरियाली पृथ्वी
हरियाली पृथ्वी
स्वर्ग से प्यारी पृथ्वी हमारी
इसकी सुंदरता बड़ी निराली।
हरा-भरा हमें इसको रखना है
फले फूले यह यही एक सपना है।
हरी-भरी गेहूँ की बालियाँ यहाँ
बजाती है देखो तालियाँ यहाँ।
समय-समय पर जल इसको देना होगा
इसकी स्वच्छता का ख्याल भी रखना होगा।
नदियाँ, समुद्र, पर्वत और बगीचे प्यारे
पशु-पक्षी सब खुशी से रहते सारे।
जंगलों को फिर से फैलाना होगा
तभी सुखमय हर एक कोना होगा।
सदा यूँ ही महकती रहे पृथ्वी हमारी
उठानी होगी हमको अब यह जिम्मेदारी।