हरी हरी धरती
हरी हरी धरती
हरि ने बनाया
हरी हरी धरती हरा हरा गाँव
बहता था पानी जिसमें चलता नाव
राही भी रुका करता देख मिठा छाँव
उजाड़ उसे हम सबने बर्बाद किया
हरि के हरियाली को बहुत कम किया
गुस्से मे अब गाती हरियाली गरम गीत
फिर से हरियाली गीत गाए मीठ
इसलिए मिलकर लगाना होगा
पेड़, पौधे अनेक और अधिक।