हर पल धड़कन में
हर पल धड़कन में
हर पल धड़कन में तुम रहती हो
मिलने कि वो प्यास तुम कहती हो.........
हर वक्त होठों पर तेरा नाम ही आये
हर घड़ी ख्वाबों में तेरी याद सताये
मैं जिधर जाता हूँ ,तुझको ही पाता हूँ
मन नहीं लगता एक पल भी, यादों में रोता हूँ
तेरे नाम के सहारे ही जीवन ये कटता है........ हर पल.......2
कभी हमको मिलना था, तनहा इस महफिल में
फिर भी लग रही थी तुम, अपनी इस जीवन में
यह कैसी बेवफाई है, यह कैसा पागलपन है
अपने होकर भी, क्यों लगते पराये हैं
मन को समझाता हूँ, पर यह कहने से तुमसे डरता है.... हर पल.........
मोहब्बत का ये आलम है, इजहार करने से डरूँ
तुम्हारी उस चाहत को, कैसे बयां मैं करुँ
मजनू की यह हालत, लैला ही जानती है
दुनिया इसे क्या समझे, पर दिलवाले जानते हैं
तुम यूँ ही रुलाती रहना, तन्हाई के आलम में..... हर पल.........
गाने के बोल......पल-पल दिल के पास........
फिल्म....ब्लैक मेल