होली
होली
खुशियों के रंग, और मस्ती का पानी,
ये सारी दुनिया, रंगों से है धानी,
तो आ खेलें होली, मिल कर हम होली।
रंग में दिल के सारे, कालिख छिप जाते है,
दुश्मन जो आते है, गले से लग जाते हैं,
भरते हैं फिर तो, खुशियों की झोली।
तो आ खेलें होली, मिल कर हम होली…..
प्यार में प्रेमी, एक दूजे के रंग, रंग जाते हैं,
रंगों से बतियाते है, रंगों में ही खो जाते हैं,
सजती है रंगों से ही, सपनों की डोली।
तो आ खेलें होली, मिल कर हम होली…..
मार के गम को ठोकर, रंग में खो जाओ तुम,
कोरे कागज से, अब, सतरंगी हो जाओ तुम,
उभरेगी मन में, जीवन की फिर रंगोली।
तो आ खेलें होली, मिल कर हम होली…..
