होली -रंग फागुनी उमंग फागुनी
होली -रंग फागुनी उमंग फागुनी
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
झड़ते पत्ते बीते यादों की
बात नव कोमल किसलय
नव उत्सव उत्साह ।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
वीणा पाणी कि वीणा के
झंकार आगमन शुभ बेला
सत्कार युग चेतना जागरण
संस्कृति संस्कार ।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
गौरा व्याह गौने आई कैलाश
झूमे नाचे मंगल गांवे भोला शंकर
परिवार।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
मंजरी से मदमस्त आम की डाल
सुगंध बयार चहुँओर मधुमास
झूमती खेतों में बाली प्रसन्नता
पुरस्कार।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
भस्म से शिव होली खेले
जीवन सत्य सत्त्यार्थ
दुःख शुख रंगों का औघड़
दानी शिव संसार।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
हाथ कनक पिचकारी
मर्यादा का अबीर गुलाल
अवध में होली खेलत रघु
नाथ।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
गोपी संग राधा की टोली
लड्डू फूल लठ्ठ की होली
होली भावों के रंग हज़ार
विरज में होली खेलत नन्द
गोपाल।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
सब देव होली खेलें
मानव कि क्या बात
गांव नगर गलियों में
जोगीरा फागुन राग।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
उमर जाती पांति ना पूछे
कोई प्रेम रंगों की बरसात
युवा उत्साह खास मधुमास
होली प्रेम प्यार का जागृति
भाव।।
रंग फागुनी उमंग फागुनी
संग लाया मधुमास।।
