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Lavkush Yadav "Azal"

Romance Others

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Lavkush Yadav "Azal"

Romance Others

होली काव्य अज़ल

होली काव्य अज़ल

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ये फाल्गुन का महीना और रंगों का सावन,

एक तुम्हारी याद और कुछ यादों के दर्पण।

खिलेंगी कलियां सुनहरी महक उठेगा समूचा चमन,

है सफर का इरादा यही तुम मिलो हर जनम।।


एक अधूरी सी ख्वाहिश और दिल की सुमन,

तुम मेरा वही प्यार आख़िरी हो सुनो बेरहम।

हमारी गली से तुम्हारी गली का सुहाना सफर,

है सफर का इरादा यही तुम मिलो हर जनम।।


न हाथों में गुलाल न खुशबू बहार की,

तुम्हारी यादों के दीपक हजारों हजार की।

एक अधूरी सी ख्वाहिश और दिल की सुमन,

तुम मेरा वही प्यार आख़िरी हो सुनो बेरहम।।


ये चंदन सा चंचल और खूबसूरत बदन,

ये हिरनी सी आंखें और अनोखी चमक।

एक तुम्हारा बहाना और तुम्हारी गली का सफर,

है सफर का इरादा यही तुम मिलो हर जनम।।



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