इलाहाबाद आये
इलाहाबाद आये
एक तस्वीर देखूं तो तुम्हारा ख्याल आये,
तुम्हारे प्यार की खुशबू इलाहाबाद आये।
तुमसे एक मुलाकात की खातिर संगम,
हम छोड़ अपनी गलियां प्रयाग आये।।
ये ख्वाबो का शहर कुछ यूं पंसद आया,
की न चाहते हुए भी हम इलाहाबाद आये।
इरादा नेक लेकर सोचता हूँ बहार आये,
रुखसत शामो का संगम था तो हम प्रयाग आये।।
रौशनी शाम की होगी जो रौशन ख़्वाब लाये,
तुम्हारी याद का सावन फिर एक बहार लाये।
ये नैनो की साजिश और दिल की हसरत,
हम छोड़ अपनी गलियां प्रयाग आये।।
सुबह का मौसम शहर का उजाला,
सुमन की महक सुनहरा कमल।
मेरी कलम में फिर नई उमंगो उबाल आये,
तुम्हारा ही नाम लेकर रौशन आफ़ताब आये।।
सुबह का सूरज संध्या का चिराग लाये,
हम अपनी कहानी का किरदार लाये।
सुनो फाल्गुन की बारिश बेसुमार आये,
एक तेरे लिये छोड़ अपनी गलियां प्रयाग आये।।