होली हमारे संंग
होली हमारे संंग
कान्हा बहुत खेल लिये होली राधा संग संग,
अब की बार प्रभु आओ खेलने होली हमारे संग संग,
यहाँ भूल गये लोग खेलना होली संग संग।
टेसू के फूल तो बहा दिये इन्होंने जमना मेंं
अब कैसे खेलेंगे होली हम तेरे संग संग।
कुछ तो रचाओ प्रभु ऐसी रास-लीला
भूल सब भेद-भाव नाचे सब संग संग।
आप ऐसी बांसुरी बजाओ प्रभु
बिसरा सब बैर खेले सब होली संग संग।
ऐसी रंगों की फुहार बरसाओ प्रभु
धूल जाये सब दिल के मैल सबके संग संग।
ऐसा खेल रंगों का रचाओ प्रभु
प्रेम रंग ही लगाये सब संग संग।
इस बार उन मांओ के कान्हा बन प्रभु
असवन धारा पोछ जाना हमारे संग संग।
जिन के पिया दे गये बिरह सदा के लिए
उन्हें सदा दे देना तू अपना संग संग।
इस बार खूब खेले ये लाल रंग संग प्रभु
इसलिए लाल रंग छोड़ सब रंग लाना अपने संग संंग।
इस बार जो सुने न प्रभु तेरी
मारना लठ तू राम के संग संग।
इस बार अरज सुन लो प्रभु हमारी
मानवता का पाठ पढ़ा खेलो होली हमारे संग संग।
इस बार चाहे कुछ हो जाये प्रभु
आओ खेलने होली हमारे संग संग।