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OM Maind

Abstract

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OM Maind

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हनुमान भजन

हनुमान भजन

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बुटी लेने चले हनुमान सुमर

सीयाराम उडा उड जा रहा हे

जब लक्ष्मण को लगा शक्ती बाण रे रो रो कहे

श्री राम कोई लातो संजीवनी बुटी

हिम्मत मेरी टुटी भाई मेरा टुटा जा रहा हे

बुटी लेने.....


जब हनुमान पहुंचे हे पर्वत पहाड रे

वहाँ बुटी लगी हजार उनहे जानी

न पहचानी पर्वत लिये आ रहे हे

बुटी लेने....


भरत ने मारा एक बाण रे

पृथ्वी पे गिरे हनुमान रे

उनने हाल हाल हि बताया

भरत घबराया ये क्या हुआ जा रहा हे

बुटी लेने.....


भारत ने मारा एक बान हनुमंत पहुचे

राम जी के पास रे उन्होंने बुटी घोल पिलाया

उठा रे मेरे भाई सवेरा हुआ जा रहा है

बुटी लेने चले हनुमान..... 


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