भज मन राम भजन
भज मन राम भजन
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भज मन राम मेरे राम
राम मेरे राम राम राम
झूठी जग की सारी माया
कोई काम ना तेरे आया
जिसने प्रभु को है गाया
वह भव सिन्हु से तर पाया /भज......
न माया मोह मे फसना
यहां कोई नही अपना
अरे इस दुनिया मे ना कोई
किसी का साथी होता है भज....
ये सतसंग गंगा है
जो पाप जन्मो के धोती है
लीना साबुन बीना पानी
यहा मन साफ होता हे
भज.......