प्रभु भजन .....
प्रभु भजन .....
प्रभु प्रेम सदा भरपूर रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में
गुरुदेव तुम्हारे चरणों में मेरे सद्गुरु तुम्हारे चरणों में
प्रभु.......
निज जीवन कि ये डोर प्रभु
अब सौंप दी हे मैंने तुमको उद्धार करो ये दाता
गुरुदेव.....
आंखों में तुम्हारा रुप रहे गुरु ध्यान मन तल्लीन रहे तन
अर्पित गुरु सेवा में रहे गुरुदेव प्रभु. ....
संसार में देखा सार नहीं तब गुरु चरणों की शरण गही
सब बंध काटे अब विनती हे गुरुदेव
प्रभु.........
जो शब्द मेरे मुख से निकल हे नाथ उसे स्वीकार करो
मेरे सद्गुरु स्वीकार करो मेरे भाव सदा ऐसे ही रहे गुरुदेव
प्रभु......