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OM Maind

Abstract

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OM Maind

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कन्हैया मटकी 🌹🌹

कन्हैया मटकी 🌹🌹

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देखो मटकी पे मटकी कन्हैया

दरिया खटकी तो खट हे समाये

हो कान्हा कंकरिया जोर की लगाईये

आज नहीं आई मेरी संग सहेली

जीतना सताले चाहे देख के अकेली


मैया को जाके तेरा हाल सुना दूँ

श्याम करे मनमाणी रे मटकी..... 

इतने मे आई दो चार गुजरिया

कैसा हाल किया राधा राणी का सावरीया

ठहर रे कानहा मे तुने बताना 


गुजरी कान पकड के ले आई रे

भगता के मन में ककडीया लगी

ककडीया लागी तो भक्ति मन मे जागी

गाता गुणगान करा

जन जन ने ये बात बताई रे 

मटकी....... 


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