Dinesh Dubey

Abstract

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Dinesh Dubey

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उलझन

उलझन

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उलझन से उलझ गया जो ,

बार बार वो उलझता जाए,

एक से निकले दूसरा है जकड़े,

तीजा मुंह बाए है खड़ा ।

छोड़ दो उलझना उलझन से ,

मतलब रखो अपने काम से ,

उलझन से कोई जीत ना पाया,

उलझना की है अलग ही माया।

उलझन को उलझा दो उनमें ,

सुलझाने का प्रयास ना कर,

जो उलझा एक बार उसमें,

लगते रहेंगे उसको सदमे,।



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