STORYMIRROR

Sajida Akram

Inspirational

2  

Sajida Akram

Inspirational

हमसफ़र

हमसफ़र

1 min
30

ज़िन्दगी के हमसफ़र,

तू है तो ज़िन्दगी का सफ़र,

कुछ यूँ गुज़रता है "वक़्त"

जैसे पंख लगा कर गुज़रा है।

सुनहरी यादों को समेट लेतें हैं,

हर गुज़रते दिन का एहतराम,

 करतें हैं हम।

शुक्र #अल्लाह का,

दिल से अदा करतें हैं हम,

हर दिन की ख़ुशियाँ बटोर,

 लेतें हैं हम।

#अल्लाह से दुआ है,यूँ ही

साथ इज़्ज़त के गुज़र जाएं

ये दिन.... ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational