हमसफ़र वही
हमसफ़र वही
जो जिंदगी के सफ़र में
हमेशा साथ-साथ चलें
एक-दूसरे का हाथ थामकर
यूं ही दिन-रात चले
आए जो उतार-चढ़ाव जिंदगी में
उसमें उसका साथ रहे
चले हमेशा यूं ही साथ साथ
हाथों में एक दूसरे का हाथ रहे
कभी गलतियों का भी एहसास कराएं
कभी तारीफ में कुछ बात कहें
दोस्त बन कर जीवन में यूं ही
हमेशा एक दूसरे के साथ रहे
छोटी गलतियों को बिसराये
हमेशा होठों पर मुस्कान लाए
सुख दुख में जीना सिखाए
संग- संग यूं ही बढ़ते जाएं
कभी प्यार से दिल की गली में
हौले से वो गुजर जाए
महका दे घर गुलशन को
जीवन में रौशनी सा भर जाए
चाहे कुछ भी हो जाए
दुनिया दुश्मन हो जाए
हाथों में रख कर वो हाथ
दे हमेशा जीवन में साथ
दिल की हर वह बात समझें
कभी ना किसी बात पर उलझे
ना करे कोई आजमाइश
ना हो शक की कभी गुंजाइश
रूबरू हो एक दूसरे से ऐसे
जैसे कि मुलाकात हो जाए
लफ्ज़ हो खामोश मगर
एक दूसरे की बात समझ जाए
कभी भी कोई रूठ जाए तो
मना ले वो प्यार से
सबल हो जाएगा रिश्ता
दोनों के एतबार से.