हमको सहा जाता नहीं
हमको सहा जाता नहीं
हमको सहा जाता नहीं
हमसे कहा जाता नहीं
सोचा था अब बदलेगा कुछ
मुझको समझ आता नहीं !
ये एक्ट क्या है क्या पता
ये फैक्ट क्या है क्या पता
इतना समझ आता है तो
फिर क्यूँ तू घबराता नहीं
संघर्ष पथ पर चलते हुए
पाया था जो पाता नहीं
सच है वो एक दौर था
अब तो नज़र आता नहीं !
माना की हम तेरे साथ है
हाथों में तुम्हारा हाथ हैं
गर तू बदल जाये बली
मैं आज पछताता नहीं !
इतिहास वो क्या बदलेंगे
ये देश जन का सब्र है
इतिहास दोहरायेगा फिर
या वो संभल जाता नहीं !!
