हमदम
हमदम
हर बात पर रूठ जाना तेरा,
पास आकर दूर जाना तेरा।
दिखाना रुतबा बेमतलब सा,
जाना मुझको अच्छा लगता है।
वो गुस्सा है जो नाक पर हरदम,
दिखावे की नाराजगी हमदम।
चिड़चिड़ाना रोज बेमतलब सा,
जाना मुझको अच्छा लगता है।
छिपाकर प्यार दूर चले जाना,
पास आकर भी जरा इतराना।
रौब खाना बेमतलब सा,
जाना मुझको अच्छा लगता है।
सितम कितने भी यार तू कर ले,
कर दूर या संग मेरे जी ले।
दिखावा गिले का बेमतलब सा,
जाना मुझको अच्छा लगता है।

