हमदम मेरे
हमदम मेरे
जब आँखों से गुम हो जाए सपने
बेगाने लगने लगे सब अपने ।
उलझने भरी हो मन में
कुछ खालीपन सा जीवन में ।
थामे रखना मेरा हाथ
हमदम मेरे देना तुम साथ ।।
कहती नहीं मैं कोई कहानी
मैं तो हूं बस बहता पानी ।
होंठों पे मेरे इतनी आस
रहना हरदम मेरे पास ।
जीत मेरी जब बन जाए मात
हमदम मेरे देना तुम साथ ।।
कैसे कहूं क्या हाल तेरे बिन
काटे नहीं कटते अब ये दिन।
बीच राह में छोड़ न जाना
मुझसे अपना मुंह मोड़ न जाना।
सुबह मेरी जब बन जाए रात
हमदम मेरे देना तुम साथ ।