हम सब है एक समान
हम सब है एक समान
हम सब है एक समान,
धरती भी सबकी है समान।
इस माटी में जन्म लिया,
प्रकाश सूरज-चांद का लिया एक समान।
अलग-अलग भाषाओं में महारत हमारी,
सबको एकजुट करती नागरिकता हमारी।
हम सब मिलकर चांद-सितारे रात में निहारें,
आसमान में दिखते ये कितने प्यारे।
बारिश की बूंदों ने धरती पर पांव पसारे,
इंद्रधनुष भी लगता कितना मनमोहक प्यारे।
ये हवा भी कितनी है निराली,
बिन देखे हम सबको कर जाती मतवाली।
हम सबके हँसने और मुस्कराने का एहसास,
बड़ा पुरजोर है इंसान बने रहने का एहसास।