आज का प्यार
आज का प्यार
प्यार का कैसा खेल निराला।
कोई बुरा है कोई है आला।
प्यार दिलों को कर देता पागल।
नैनों के इशारे से होता घायल।
जहाॅ॑ सुंदरता ज्यादा पाता।
भाग वहीं को है ये जाता।
देखा कोई मुखड़ा सुंदर।
समा गया वह उसी अंदर।
इसे अपनाना उसे ठुकराना।
आता न सबको प्यार निभाना।
अपना अपना सब गाएॅ॑ तराना।
सबका है अपना अपना बहाना।
इधर उधर जो भटका करता।
सच्चा प्यार वह हुआ न करता।
सच्चा प्यार किस्मत से मिलता।
जीवन भर जो साथ है चलता।
प्यार सदा तुम सच्चा करना।
साथ किसी के मत धोखा करना।
