प्रेम का बुखार
प्रेम का बुखार
हम नहीं सुधरेंगे, हम तो मिलकर ही रहेंगे,
चल रहा है कोरोना काल, चाहे बंदिशें लगाई हो,
भले, मिलने में खाने पड़े लठ्ठ, या मार ठुकाई हो,
अपने प्यार के लिए, सब कुछ परेशानी सहेंगे,
लेकिन,
हम नहीं सुधरेंगे, हम तो मिलकर ही रहेंगे,
क्या करें यह कोरोना का नहीं, प्रेम का बुखार है,
उम्र ही ऐसी है जिसमें, उतरता नहीं ये खुमार है,
चलता रहेगा महामारी का दौर, हर परेशानी सहेंगे,
लाख रहे लाॅकडाउन की बंदिशें,
हम तो फिर भी हम यही कहेंगे,
हम नहीं सुधरेंगे, हम तो मिलकर ही रहेंगे,
युगों युगों से है प्रेम का नाता, इस उम्र में सभी को आता,
लैला-मंजनू, शीरी- फरहाद एक बार बन कर रहेगें,
बीमारी के दौर में भी माॅस्क के साथ एक दूसरे से मिलेंगे
लेकिन,
हम नहीं सुधरेंगे, हम तो मिलकर ही रहेंगे,