”हम और तुम“
”हम और तुम“
1 min
316
आ जाओ तुम भी
इस कदर ना करो हमसे
ये नोक झोंक और ये दूरी,
कहा करते थे तुम कि
ना जी पाओगे मुझ बिन,
अरसा गुजर गया
तुम्हारी किस्से कहानी सुने
चलो फिर चले उसी सफर में एक दिन,
तुम्हारे चेहरे की वो दबी हंसी
मेरे एहसासों की खुशबु लिए कभी,
पानी में उगते चांद की तरह
मेरे जीवन के श्रृंगार की तरह,
दबे पाँव की संगीत के जैसे
सर्दी के मौसम की ठिठुरन हो जैसे,
उल्लास भरा ये मन है मेरा
कहता तुमसे थाम लो दामन मेरा,
देखा था सपना मिलजुल कर हमने
चलो सजाए आशियाने को अपने,
घर के किसी कोने में
यादों को संजोए रखना है,
जब उम्र हो ढलान पर
तुम ना छोड़ना साथ मेरा,
हर सुख दुख बांट लेंगे
खुशी से जिंदगी गुजार लेंगे
आ जाओ तुम भी
इस कदर ना करो हमसे
ये नोकझोंक और ये दूरी।