हिंदू-मुस्लिम एकता
हिंदू-मुस्लिम एकता
आज हमारे देश में ईद है तो कल दिवाली होगी
सब मिलकर चलो यारो देश मे खुशहाली होगी
चंद गद्दारों से बरसों का भाईचारा यूँ न जलाओ,
सबके साथ से देश में खिली हुई हर डाली होगी
हिन्दू-मुस्लिम के झगड़ों में कब तक पड़े रहोगे
कुतो जैसे कब तक यूँ आपस मे लड़ते रहोगे
रहीम के घर ईद होगी तो सवैया राम भी खायेगा,
राम के घर दिवाली होगी रहीम भी मिठाई खायेगा
कब तक यूँ आपस मे तुम जहर उगलते रहोगे
मुसीबत में आड़े रिश्तेदार नही पड़ोसी आता है
वो मुस्लिम है या हिन्दू ये बात पूंछने नही आता है
कुछ लोगों के भड़काने से कब तक मरते रहोगे
ये देश जितना हिन्दू का है,उतना मुस्लिम का है,
कब तक एक मां के बेटे होकर खून बहाते रहोगे
सुधरो भारत के वीरों, मत लड़ो आपस में रणधीरों,
सेना से सीखो वहां नही होता भेदभाव का हीरो,
कब तक चंद लोगों को अपना कंधा यूँ देते रहोगे
सबके साथ से,सबके विकास से देश की उन्नति होगी,
अनेकता में एकतावाला अनोखा देश है हमारा,
सबके साथ से ही देश की गिनती नम्बर 1 पर होगी
यूँ लड़ने से, यूँ झगड़ने से हमारी खुद की हानि होगी,
यूँ प्रेम से रहने से हिन्द की धरती जन्नत से सुंदर होगी।
