"हिंदुस्तानी को दिला दी आजादी"
"हिंदुस्तानी को दिला दी आजादी"
हमारे हिन्दुस्तान को दिलाने के लिये आजादी
भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु झूल गये थे, फांसी
23 मार्च को कहते, हम शहीदी दिवस साखी
इसदिन परम तत्व में लीन हुई थी, उनकी माटी
उनको नमन करते, हम सब ही भारतवासी
जिन्होंने मां भारती को सांसे ही थी लूटा दी
लोग तो कहते है, चरखे ने दिलाई, आजादी
वो क्या था?, जो झूल गये जवानी में फांसी
हिंद स्वतंत्र कराने लहूं की बूंद-बूंद बहा दी
जीये-मरे, देश के लिए, अमर बलिदानी पात्ती
ऐसे वीरों की शहादत को नमन, करो साथी
जिन्होंने देश के लिए जान की लगा दी, बाजी
जैसे एक दीपक में जलती रहती है, बाती
ऐसे ही वो जले थे, आजादी हेतु दिन-राती
उन्हें याद करे, ले, ले उनके विचार हम माटी
जिनकी विशालता आगे, सूक्ष्म लगते है, हाथी
हमारे हिन्दुस्तान को दिलाने के लिए आजादी
भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु झूल गये थे, फांसी
ऐसी वीरों की माटी पर हमारा जन्म हुआ, साखी
यह सोचकर नित गर्व से फूल जाती है, छाती।
