हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस


आओ हिन्दी दिवस मनाएँ ।
पश्चिमीकरण के त्याग दुशालें ।
अन्तर्मन को नित्य खँगालें ।
ए, बी, सी, डी, आज भुलाकर-
फिर से क,ख,ग,घ, को अपना-लें ।
हृदयों में सम्मान जगाकर,
बेल सभ्यता की फैलाएँ ।
आओ हिन्दी दिवस मनाएँ ।।
हिन्दी मात्र नहीं भाषा है ।
जन-जन की यह अभिलाषा है ।
गौरवमय इतिहास यही है -
भारत की यह परिभाषा है ।
विश्व पटल पर मिलकर इसको,
एक नई पहचान दिलाएँ ।
आओ हिन्दी दिवस मनाएँ ।।
जब मुखर मूकता होती है ।
तब बीज ज्ञान का बोती है ।
जीवन के हर अभिशापों को -
निज समरसता से धोती है ।
संस्कार की जननी हिन्दी,
आओ सब इसके गुण गाएँ ।
आओ हिन्दी दिवस मनाएँ ।।