हिंदी भारत माँ की बिंदी
हिंदी भारत माँ की बिंदी
हिंदी भारत मां की बिंदी,
हिंदी हिन्दुस्तान है।
सागर जिसके चरण पखारे
ऐसा देश महान है।।
उर्दू है हिंदी की बेटी,
बंगला जिसकी बहना है।
उड़िया, तेलगू, तमिल सहेली,
गुरु वाणी का कहना है।
वेदों की व्याख्या है हिन्दी, मुस्लिम का ईमान है।।
सागर जिसके -------
गंगा, यमुना, सिंधु,नर्मदा,
देती जल में पियूष सर्वदा।
शंकर का विषपान इसी में,
मीरा का बलिदान है।
सागर जिसके चरण ----------
काशी, कांची, पीठ, द्वारिका,
रामेश्वर की आन है।
हम उस देश के वासी हैं,
जहां पे गीता कुरान हैं।
भव्य भारती की सेवा को,
भारत का अरमान है।।
सागर जिसके चरण पखारे,
ऐसा देश महान है।
हिन्दी भारत मां की बिंदी,
हिंदी हिन्दुस्तान है।।
