हिंद की बेटियों
हिंद की बेटियों
ऐ हिंद की बेटियों
अब तुम ही बन जाओ मर्दानी
काट दो वो हाथ
जो करे तेरे साथ मनमानी
तू ही बन जा अब नवदुर्गा
तू ही बन जा अब काली
बहुत हुआ अब
सहना, चुप रहना
कर ले बुलंद आवाज़ की प्याली
थोड़ी सी बस हिम्मत कर ले
चूड़ी उतार कर शस्त्र पकड़ ले
तलवार हो या तीर कमान
मजबूती से ले तू थाम
जूड़े से तू पिन निकाल
और घुसा दे उन आंखों में
जो कोई भी देखे कभी
तुझे गंदी निगाहों से
हो नर्म या कठोर
पर तू कमज़ोर नहीं
कोई भी तुझे चोट पहुंचाए
ऐसा किसी में ज़ोर नहीं।