कहर
कहर
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मेरी आंखों की उदासियां समझना
तेरे बस की बात नहीं
तू बस मेरी यादों में है
तेरा मेरा कोई साथ नहीं
सारी शिकायतें किस्मत से हैं
तेरा कोई कसूर नहीं
दर्द भी ज़िंदगी में ना होता
गर मिलना होता दस्तूर नहीं
तेरी यादों को मिटाना
इतना आसान नहीं है
मेरे ख्वाबों का अब
कोई आसमान नहीं है
यूं सांसें टूट जातीं
तो भी गम ना होता
तेरा साथ छूटना
किसी कहर से कम नहीं है।