हग डे - एक प्रेम आलिंगन
हग डे - एक प्रेम आलिंगन
आलिंगन दो जिस्मों को जोड़ता
आवेश भर देता है विश्वास का
सीने में तरंग से सुकून भर देता
सीमा नहीं प्रेम के एहसास का।
ये आलिंगन दुख भुला देता है
गिले शिकवे सब मिटा देता है
प्रेम का क्षण में धनी बना देता
दिलों की बढ़ी दूरी मिटा देता।
उस पल की कोई कीमत नहीं
प्रेम हो जब बाहों के आगोश में
वासना रहित निश्छल जज़्बात
सदा ही रहते है अपने होश में।
दूरियाँ जानती दिलों की बेचैनी
जब खयालों से आह निकलती
गले लग प्रेम रो देता बच्चा सा
आपबीती सब सिसकी बांचती।
करो जब तुम किसी से ऐसा प्रेम
आनंद मिलेगा उस आलिंगन का
मन के द्वेष सब मिट जाते रहेंगे
वर्चस्व बना रहेगा प्रेम तालिम का।
