STORYMIRROR

Neerja Sharma

Classics Inspirational Children

4  

Neerja Sharma

Classics Inspirational Children

हाय रे करोनाबाल कविता

हाय रे करोनाबाल कविता

1 min
185

हाय रे कोरोना

अब तो हर रोज 

रहेगा यही रोना।


कौन से जन्म का

बदला ले रहे हो 

गर्मी में गर्म पानी

जबरदस्ती पिला रहे हो।


एक साल से 

घर में बंंद थे

सोचा था गर्मियों में

खूब मजे करेेंगें

 आइसक्रीम खाएँगे।


काश तुम इंसान होते

हम बच्चों का दर्द समझते

एक साल से स्कूल नहीं गए

आनलाइन पढ़ चश्मे हैं लगे

करो ना, ना करो ना, यही सुने

अब तुम बताओ हम क्या करें।


बहुत बुरेे हो तुम करोना 

हर तरफ मचा दिया रोना

काश मुझे तुुम्हारी माँ मिले

उनसे तुम्हारी शिकायत करें

कस के तुम्हे भी डंडे पड़े

गर्मियों मेेंं गर्म पानी पीना पड़े

आइसक्रीम की जगह काढ़ा मिले।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics