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कीर्ति वर्मा

Romance Classics

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कीर्ति वर्मा

Romance Classics

हाथों में थामे हाथ

हाथों में थामे हाथ

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हाथों में थामे हाथ 

मुझे ले चला कहाँ

हाथों में थामे हाथ- - 


मैं हो गई हूँ तेरी

तू हो गया है मेरा

ले चल मुझे वहीं पर

बस प्यार हो जहाँ

हाथों में थामे हाथ- - 


सपने हुये वो पूरे

जो थे कभी अधूरे

मैं हूँ धरा तुम्हारी

तू मेरा आसमाँ

हाथों में थामे हाथ- - 


आँखों में तेरी सूरत

ज्यों देवता की मूरत

बंधन न देह का हो

बस रूह हो फ़ना

हाथों में थामे हाथ- - 

     


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