*हाथों में मेहबूब लिखा हैं!*
*हाथों में मेहबूब लिखा हैं!*
मैंने दिल के हर कोने में
सिर्फ़ उसका नाम लिखा है,
वो है मेरी मेहबूबा
मेरे हाथों में मेहबूब लिखा है !
चलते जाना बिना थके हुए
किसी ने क्या खूब लिखा है,
वो है मेरी मेहबूबा
मेरे हाथों में मेहबूब लिखा है !
जिस्म से रूह का मिल जाना
पतझड़ में फूल का खिल जाना,
ऐसा कब दिखा है,
वो है मेरी मेहबूबा
मेरे हाथों में मेहबूब लिखा है !
आईने के हर टुकड़े को
जोड़-जोड़ के देखा है,
मैंने तन्हाई को आज
अकेले देखा है,
भले ही बहुत लव लेटर
मैंने हर रोज लिखा है,
वो है मेरी मेहबूबा
मेरे हाथों में मेहबूब लिखा है !