हां मैं एक औरत हूं \
हां मैं एक औरत हूं \
हां मैं एक औरत हूं, इसका मुझे है अभिमान।
कोई पुरुष ना मेरे बराबर का है, इसका मुझे है मान,
हर काम को मैं कर सकती हूं, इसका मुझे है भान,
हां मैं एक औरत हूं, इसका मुझे है अभिमान।
अबला नहीं हूं, नादान नहीं हूं, ना हूं मैं खुद्दार,
मेरा अपना स्वाभिमान है, है मेरी अपनी पहचान,
हां मैं एक औरत हूं, इसका मुझे है अभिमान।
हां मैं एक गृहिणी भी हूं, हां एक पेशेवर नारी भी,
मैंने बखूबी संभाल रखी है, अपने जीवन की हर जिम्मेदारी भी,
हां मैं एक औरत हूं, इसका मुझे है अभिमान।
पुरुष प्रधान समाज में, मैं भी बन सकती हूं प्रधान,
परमेश्वर ने बनाया है मुझको, कुछ अलग ही मिट्टी समान,
हां मैं एक औरत हूं, इसका मुझे है अभिमान।
बेटी बहू मां हर रूप में, मैं हूं एक समान,
प्रेम करुणा ममता की, मैं हूं एक मिसाल,
पुरुष को मैं जनम देती, दुनिया की मैं हूं पहचान,
अपने सम्मान के लिए, बन जाती मैं ज्वालामुखी समान,
हां मैं एक औरत हूं, इसका मुझे है अभिमान।
मेरे इन किरदारों को कभी, कोई पुरुष ना निभा पाएगा,
अपने जीवन में मेरी कमी को, एक दिन हर पुरुष समझ जाएगा,
मैं ही घर बनाती हूं, मैं हूं हर रिश्ते का आधार,
मुझसे ही हर घर रोशन हैं, मैं हूं उसकी पालनहार,
हां मैं एक औरत हूं, इसका मुझे है अभिमान।
