हाँ जी तुम चली आना
हाँ जी तुम चली आना
मन आंगन में उमंगें
अंगड़ाई ले रही हैं I
तुम्हारे आने की रब से
दुहाई कर रहे हैं I
तुम्हारे बिन जीवन का
हर गली है सूना
अजी तुम चली आना
हाँ जी तुम चली आना
आना तेरी गोद में
मैं सर रख गम भूल जाऊँगा
सुकून के दो पल तो
तुम संग हो अगर जी पाऊँगा
हाथ मेरा अपने हाथों में
ले मुझे सपनों की गली जाना
अजी तुम चली आना
हाँ जी तुम चली आना
मंज़िल अब तुम्हीं हो मेरे
राह और हमराह तुम हो
कहीं आसरा मिले ना मिले
दिल की हर चाह तुम हो
मैं तुम पर बलि बलि जाऊँ
तुम मुझ पर बलि जाना
अजी तुम चली आना
हाँ जी तुम चली आना !

