हालात
हालात
आज ऐसे लोगों के जज्बात ना होते
जो उनके पुराने आघात ना होते
सहरा यूं बिखरा ना होता
देश के यूँ हालत ना होते
मत से मत मिल जाते
अगर मंसूबे यूँ नापाक ना होते
रौंदे नहीं जाते मानव यूँ
अगर दिल में बुरे खयालात ना होते
गिद्धों के खुराक का दृश्य ना होता
मानव तन छिन्न भिन्न ना होता
रंगो के पहचान ना होते
अगर दबे कुचले अरमान ना होते
टीका टिप्पणी सरेआम ना होते
अगर पट्टे पहने मेहमान ना होते
आग के यूं लपटे ना होती
अगर माचिस तेल के इंतजाम ना होते
