हाइकु- प्रीत
हाइकु- प्रीत
पिया विरह
अब सहा ना जाए
कैसे कहूं मैं।
तेरे बिन तो
अब रहा न जाए
मर जाऊं मैं।
प्रीत सुहानी
ये लग गई तोसे
हुई दीवानी।
सब में भूली
जिया तोसे लगाके
बावरी होली।
तेरे नाम का
सिंदूर लगाकर
जोगन होली।
पिया विरह
अब सहा ना जाए
कैसे कहूं मैं।
तेरे बिन तो
अब रहा न जाए
मर जाऊं मैं।
प्रीत सुहानी
ये लग गई तोसे
हुई दीवानी।
सब में भूली
जिया तोसे लगाके
बावरी होली।
तेरे नाम का
सिंदूर लगाकर
जोगन होली।