गज़ल।
गज़ल।
तेरे दरबार में आना तो मेरा काम है।
मेरी बिगड़ी किस्मत संवारना तो तेरा काम है।।
जिसका कोई नहीं दुनिया में रहा बाकी।
उनको सीने से लगाना तो तेरा काम है।।
सब कुछ छोड़ तेरे दामन को जिसने पकड़ा।
उसको अपना बनाना तो तेरा काम है।।
बैठे हैं तेरी रूहानी सूरत की आस लिए।
जलवा गिरी दिखाना तो तेरा काम है।।
आए थे इस मकसद से कि तुम को अपना बनाऊँ
"नीरज" को चरणों में रखना तो तेरा काम है।।