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Anushree Goswami

Drama Inspirational

5.0  

Anushree Goswami

Drama Inspirational

गुज़ारिश

गुज़ारिश

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एक गुज़ारिश है तुझसे,

खुद पर ये तू एहसान कर,

जो ख्वाहिशें तुझे मिटा रहीं,

खुद को उनसे आज़ाद कर।।


जो बनाई हैं खुद से बंदिशें,

उन बंदिशों को तोड़ दे,

आज तू हर काली घटा के,

रुख को बेवक़्त मोड़ दे।।


कर दे ये अब एलान तू,

बन जा फिर से इंसान तू,

जो आग से भी न जले,

बन जा वो ही चट्टान तू।।


फिर उस छोटी पंखुड़ी की तरह,

बेसुध हवा में उड़ जा तू,

फिर तारामीन की तरह,

गहरी नदी में डूब जा।।


बदल दे तू खुद को लेकिन,

तेरा ज़मीर न बदलने पाए,

तू जहाँ भी जाए फिर,

सारी खुशियाँ तुझमें मिल जाएँ।।


इस छोटी - सी गुज़ारिश को,

तू जो अमल कर जाएगा,

क्या चीज़ तू बन जाएगा,

खुद बयां नही कर पाएगा।।


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