गुरुदेव
गुरुदेव
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जय गुरुदेव जय जय गुरुदेव
हो तुम देवों के भी देव
जय गुरुदेव जय जय गुरुदेव
तेरी लेता कितनी अद्भुत,
जीवन के तुम आधार भूत।
जिस जिसने तुझ को पहचाना,
स्वयं को तेरा अंश जाना।
जय गुरुदेव जय जय गुरुदेव
तुम हो---
जय--
कभी बल रूप, कभी पितृ रूप
कभी संरक्षक कभी मार्गदर्शक,
कभी पालनहार, कभी जीवन आधार
धारे तुमने कितने रूप।
जय.......
तुम हो....
जय----
साथ तुम्हारा जिसने पाया
कण कण में पाई तेरी छाया
मैं अकिंचन तुम हो सुदर्शन
अर्पण तुझको हैं ये तन मन
जय...
हो तुम...
जय......