STORYMIRROR

Ekta Kochar relan

Inspirational

3  

Ekta Kochar relan

Inspirational

गुरु

गुरु

1 min
31


हमारी नादानियों को बेहतर समझते हैं,

पिता, माँ कभी दोस्त कभी गुरु बनते हैं।

अपने हर सुख का करके त्याग-

हाँ वो हमारे बेहतर मार्गदर्शक बनते हैं।

रखकर दूर दृष्टि भविष्य को संवार देते हैं,

हम से भी ज्यादा हमारी पहचान रखते हैं।


हमारे बेहतर कल की खातिर ही-

गढ़ कर हमें हमारे कुंभकार बनते हैं ।

उसके जैसे ना दुनिया में कोई हमदर्द पाते हैं,

आड़े तिरछे अक्षर को सीधा सिखाते हैं।

अंधेरे में भी वो दिखाते हमें प्रकाश-

गुरु ही वह दिव्य ज्योति जो जड़ को चेतन बनाते हैं

नमन ऐसे गुरुओं को जो ईश बन जाते हैं

बदल कर लकीरें हमारी सच्चे मीत बन जाते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational