मायके भेजने की सोच रहे पिया
मायके भेजने की सोच रहे पिया
मुझे मायके भेजने की सोच रहे तुम पिया
पर पछताओगे जब रहना होगा अकेले मिया
बात -बात में जो थाप लगाते हो इधर आओ
दो दिन में अस्थि पंजर ढीले होंगे याद करेगा जिया
तौलिया बिस्तर पर ही नज़र आयेगा तुम्हारा
मौजें ढूंढ -ढूंढ कर थकोगे पछताओगे यारा
अखबार संग नाश्ता भी कैसे तुम कर पाओगे
फिर सोचोगे भेज दिया अब तो ना बोलूं दुबारा
कितनी ही सखियां मैंने भी तो छोड़ दी जान लो तुम!
मेरे बिना हर पल रोओगे हो सके तो ये मान लो तुम!
बहुत दिखाते दी दादागिरी अपनी तुमने ससुराल में
हम भी हैं तैयार इक पन्ने पर नाम लिख दे दो तुम!!