गुरु ज्ञान
गुरु ज्ञान
काल कवलित इस जगत में,
घट को यूँ न घटने दीजिए।
हृदयगत कर गुरु ज्ञान को,
हृदयतम दूर कर लीजिए।
गुरु ज्ञान बिन जगत बस,
गुह औ अंधकार है।
गुरु ज्ञान प्रकाश को,
आत्म प्रकाश बना लीजिए।
मन वचन कर्म से नित,
प्राणि मात्र का उद्धार जिन कीजिए।
ऐसे ही सद्प्रेरित सदवृत्ति,
सद्गुरु का वरण सदैव कीजिए।