जीवन
जीवन


ऐ काल!
तुम देखना सर्वथा
इस बार भी
जीवन तुमसे जीत जाएगा
लील गए हो तुम जिसे
यादों से उस ही की
जीवन स्वयं को सींच जाएगा
तेरे दिए घोर नैराश्य और
चिर अंधकार में भी
जीवन को उसका उपक्रम प्रतीत्य जाएगा
घुटने टेकेगी चिर वेदना भी
जब अपनी ही जीजिविषा से
वह सम्मुख तेरे प्रतीप जाएगा।।
तुम देखना सर्वथा इस बार भी
जीवन जीत जाएगा।