Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Swapnil Jain

Abstract Inspirational

4.5  

Swapnil Jain

Abstract Inspirational

गुलाबी कुर्ता

गुलाबी कुर्ता

1 min
400


छड़ी उठा कर निकल चले

धोती मैला कुर्ता पहन चले


मन में था कुर्ता नया सिलाना है

रंग गुलाबी पहन कुर्ते का 

ग्राम भ्रमण में जाना है।


दर्जी को ढूंढा दादा ने

अपना नाप लिखाया है


नया गुलाबी कुर्ता सिल के

जल्दी ही दर्जी ने घर भिजवाया है।


दादा जी की आंखें तरस रही थी

अपना कुर्ता पाने को


मन में आस जगी हुई थी

कुर्ता पहन इठलाने को।


जैसे ही दादा जी ने पाया कुर्ता

खुश होकर उछल पड़े


निकाल पुरानी धोती कुर्ता

गुलाबी कुर्ता पहन के निकल पड़े।


कुर्ते में थी फूल पत्तियां

कुर्ते की शोभा बढ़ा रही


दादा जी का मन पंछी के जैसा

ची ची कर के चहका रही


दादा जी पहुँचें दादी के संग

दादी को, पहन के कुर्ता दिखा दिया


दादी भी मुस्काई जैसे 

बागों में पुष्प सा खिला गया


दादी धीरे से दादा से 

ये कैसा रंग सिलाया है


रंग तो फिर भी बहुत खूब

पर फूल पत्ती भी क्यूं गुदवाया है


फूल पत्ती भी गुदा लिया

पर क्या रंग तुम्हें ना पता चला


फूल लगे गुलाबी ठीक

पर पत्ती भी गुलाबी सिला लिया।


दादा जी बोले ना जाने तू

ये फैशन का जमाना है 


रंग कोई भी चल जाये

हमें किसे बतलाना है


खुद में जंचे काम ऐसा हो

और अपना विश्वास बढ़ाना है


कुर्ता मेरी पसंद सिला है

अब तो ग्राम भ्रमण में जाना है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract