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Swapnil Jain

Inspirational

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Swapnil Jain

Inspirational

संविधान हमें यही तो सिखलाता है

संविधान हमें यही तो सिखलाता है

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ये भारत देश कराता मेल सभी का

विविध कला संस्कृति दर्शाता है

विभिन्न जाती के भिन्न भिन्न लोगों को

आपस में मिलकर रहना बताता है

संविधान हमें यही तो सिखलाता है।


रंग यहाँ मिलते हैं कई

रंग-बिरंगे रंगों से आपस में मेल कराता है

भेद भाव की बात ना होती अब

संविधान हमें यही तो सिखलाता है।


हर गली मोहल्ले देख घूम कर

सब धर्मों के साथी संग हंसते मिलते है

कोई चच्चा कोई चाचा कोई काका कहलाता है

साथ बैठ जयगान देश का बच्चा बच्चा गाता है

संविधान हमें यही तो सिखलाता है।


भिन्न भिन्न बोली है सबकी

हर व्यक्ति अपनी भाषा बोली से जाना जाता है

कोई मराठी कोई बंगला कोई उर्दू में गीत सुनाता है

मातृ भाषा हैं हिंदी अपनी

अन्य अठारह उपभाषायें भी कोई गाता है

सबकी अपनी भाषा बोली

सबको अभिव्यक्ति का अधिकार दिलाता है

संविधान हमें यही तो सिखलाता है।


ना ऊंच नीच की बात यहां

ना छोटा बड़ा का भेद यहां

सबको एक नजर से देखा जाता है

समानता का अधिकार यही बताता है

संविधान हमें यही तो सिखलाता है।


ना अमीर देखा करते है

ना गरीब देखा करते है

सबका बच्चा हो शिक्षित

सबका बिकास बताता है

सबको शिक्षा का अधिकार दे जाता है

संविधान हमें यही तो सिखलाता है।


ये आपस में मिलकर रहना सिखाता है

ये आपसी भाई चारा कराता है

ये शिक्षा का अधिकार दिलाता है

ये रंग भेद का भाव दूर कराता है

ये समानता और अभिव्यक्ति का

अधिकार दिलाता है

ये स्वतंत्रता पूर्वक जीने का हक दिलाता है

संविधान हमें यही तो सिखलाता है।


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