ढलती जिंदगी
ढलती जिंदगी
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चलता रहा जीवन का कारवां
ना थके ना रुके चलते रहे
पाना था मंजिल, कर लिया जुनून
पाया बहुत कुछ पर ना मिला सुकून
सोचा था मिलेगा कभी हमें भी आशियाना
पर ढलती रही जिंदगी और बुझता रहा शामियाना।