गुलाब
गुलाब
अमीर रहे गुलाब बहुत बड़ा
कंटक करते चौकीदारी कड़ा
पंखड़ी जिस की खुशबूदार
बनते रहते प्रेम के हक्क्दार
पत्ती इतनी कोमल हमारी
दिल से दुआ करती तुम्हारी
रंग भारी भरा चमकदार
गुलाबी नाम के दावेदार
हर दिन एक जुट रहती पंख
बीच में बरसे मोती अंख
अमीर रहे गुलाब बहुत बड़ा
कई अँखियों से जाकर लड़ा।