गुलाब के फूलों से महकते बच्चे
गुलाब के फूलों से महकते बच्चे
मैं उम्र में बेशक
बड़ी होती जा रही हूं लेकिन
दिल से तो एक अबोध बालक ही हूं
एक दिल में धड़कती एक सच्ची धड़कन लिए
एक बच्चा ही हूं
बच्चे मन के सच्चे होते हैं
तभी तो वह सच में
अच्छे होते हैं
बच्चे होते हैं
गुलाब के फूल से महकते हुए
किसी गुलशन की बहार
बच्चे ऐसे फूल होते हैं
जिनके दामन में कहीं कांटे नहीं होते हैं
बच्चे होते हैं
खुशबूओं का एक सागर
जिनके घर में सीप दबे
होते हैं
उन्हें खोलो तो उनमें
चाहत के सच्चे मोती
छिपे होते हैं
बच्चे कोई भेद करना नहीं
जानते
वह तो हर किसी से प्यार मांगते हैं और
प्यार करना ही जानते हैं
आंखों की भाषा पढ़ लेते हैं और
उसके जवाब में मंद मंद
मुस्कुराते हैं
बच्चों के सिर पर कोई बोझ नहीं
होता
वह खेलते कूदते हैं और
रहते हैं मस्त
उन्हें व्यर्थ का कोई भय नहीं
होता
बच्चों की अपनी एक दुनिया
होती है
जिसमें वह रहते हैं
बेहद खुश
उन्हें न किसी बात की चिंता
न ही कोई परवाह होती है
वह रहते न किसी बात से
परेशान या तंग
बच्चे धरती पर ईश्वर का
रूप हैं
एक कली से मासूम होते हैं
उनकी न कोई जात न
कोई धर्म
न देस न परदेस है
उनके दिल में तो बस
प्यार ही प्यार भरा
होता है
नफरत का न एक अंश
होता है
बच्चे तो एक कच्ची मिट्टी से
होते हैं
जो चाहो उन्हें वह आकार दे दो
जो उन्हें बताया जायेगा
वह तो वही सीख जाते हैं
जो उन्हें शुरू से
संस्कार दिये जाते हैं
पाठ पढ़ाये जाते हैं
उन पर मेहनत की जाती है
वही फिर जीवन भर उनके
और सबके काम आती है
बचपन में थोड़ी सी भी जो हो
जाये चूक
वह जीवन भर सबके
पछतावे का कारण बन
जाती है
बच्चों जैसा पाक साफ
इस दुनिया में कोई नहीं
उम्र चाहे कोई भी हो
एक बच्चा बनना कभी न
छोड़े
कोई बच्चा सामने पड़े तो
उससे खेलना
उससे प्यार करना
उससे थोड़ा बहुत या
बहुत कुछ सीखना भी
कभी ना छोड़े।
